Tuesday 13 July 2021

माँ को श्रधांजलि



अंजुली में तिल जल
नयन मेरे ठहर जाते
आकृति तुम्हारी उभरती है
होंठों पर हल्की मुस्कान
कजरारे नयनों में
वही चमक सी दिखती है
मानो मुझको देख रही
दिल में एक हूक सी उठती है
तर्पण को ज्यों जल गिरता है
बिछड़न धुआँ सा पल भर को उमड़ती है
स्नेह तेरा मेरी आँखों से नेह बादल सी बरसती है
यादों की बदली उमड़ घुमड़ दिन रैन उजाला करती है
तुम अब ना आओगी सोच जिया में बर्फ़ सी जमती है
तर्पण का जल धरती मां बन ले लेती है
पल भर को ज़मी से लिपट
तेरी आलिंगन को हृदय द्रवित होती है
परलोक में तुम देना स्नेह अपना
मंत्रों में यही भाव और मन में यही संकल्प
लिए फूलों संग सामग्री में
तुम्हारी अंश तुम्हें समर्पित करती है !!!
~ Shweta

2 comments:

  1. माँ के प्रति सच्ची संवेदना । 🙏🙏🙏

    ReplyDelete
    Replies
    1. हृदय से आपका आभार🙏🏻🙏🏻

      Delete